यद्यपि मनुष्य आदिकाल से ही समाज में रहता रहा है परंतु उसने समाज और अपने स्वयं के अध्ययन में काफी देर से रुचि लेना प्रारम्भ किया । सर्वप्रथम मनुष्य ने प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन किया, अपने चारों ओर के पर्यावरण को समझने का प्रयत्न किया और अंत में स्वयं के अपने समाज के विषय में सोचना विचारना शुरू किया । यही कारण है कि पहले प्राकृतिक विज्ञानों का विकास हुआ और उसके पश्चात सामाजिक विज्ञानों का । सामाजिक विज्ञानों के विकास क्रम में समाजशास्त्र का एक विषय के रूप में विकास काफी बाद में हुआ । पिछली शताब्दी में ही इस नवीन विषय को अस्तित्व में आने का अवसर मिला । इस दृष्टि से अन्य सामाजिक विज्ञानों की तुलना में समाजशास्त्र एक नवीन विज्ञान है । समाजशास्त्र 'समाज' का ही विज्ञान या शास्त्र है । इसके द्वारा समाज या सामाजिक जीवन का अध्ययन किया जाता है । इस नवीन विज्ञान को जन्म देने का श्रेय फ्रांस के प्रसिद्ध विद्वान आगस्त काम्टे को है । आप ने ही सर्वप्रथम सन 1838 में इस नवीन शास्त्र को समाजशास्त्र नाम दिया है । इसी कारण आपको समाजशास्त्र का जनक कहा जाता है । समाजशास्त्र के प्रारंभिक लेखकों में...