सामाजिक नियंत्रण के साधन या अभिकरण सामाजिक नियंत्रण की व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए अनेक साधनों एवं अभिकरणों का सहारा लिया जाता है। सामान्यतः साधन एवं अधिकरण में कोई भेद नहीं किया जाता है किंतु इन में पर्याप्त अंतर है। अभिकरण का तात्पर्य उन समूहों संगठनों एवं सत्ता से है जो नियंत्रण को समाज पर लागू करते हैं।नियमों को लागू करने का माध्यम अभिकरण कहलाता है उदाहरण के लिए परिवार, राज्य, शिक्षण, संस्थाएं एवं अनेक संगठन जो प्रथाओं परंपराओं नियमों और कानूनों को लागू करने वाले मूर्त माध्यम है अभिकरण कहे जाएंगे। साधन से तात्पर्य किसी विधि या तरीके से है किसके द्वारा कोई भी अभिकरण या एजेंसी अपनी नीतियों और आदेशों को लागू करती है। प्रथा, परंपरा, लोकाचार, हास्य, व्यंग, प्रचार, जनमत, कानून, पुरस्कार एवं दंड आदि सामाजिक नियंत्रण के साधन है।सभी अभिकरण एवं साधन मिलकर सामाजिक नियंत्रण की व्यवस्था को कायम रखते हैं।हम यहां सामाजिक नियंत्रण के विभिन्न साधनों एवं अभी कारणों का उल्लेख करेंगे। 1. परिवार नियंत्रण के अनौपचारिक, असंगठित और प्राथमिक साधनों में परिवार का स्थान सर्वोपरि है। परिवार व्य...