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नगर की उत्पत्ति के संबंध में विभिन्न विद्वानों के विचार

नगर की उत्पत्ति के संबंध में विभिन्न विद्वानों के विचार 

यह बताना अत्यंत कठिन कार्य है कि किस युग विशेष में नगरों की स्थापना हुई समाज में विभिन्न चीजें जो हमें आज दिखाई पड़ रही है उसकी पृष्ठभूमि में विकास का एक लंबा इतिहास समाहित है लाखों वर्षों के विकास क्रम में यह समाज देश गांव नगर महानगर बने हैं। मनुष्य की आवश्यकताओं ने उत्पादन के साधनों की खोज की है । प्रत्येक युग में उसकी कुशलता क्षमता बुद्धि का विकास हुआ है क्योंकि यह कहा जाता है कि मनुष्य औजारों को बनाने वाला पशु है । माननीय साधनों के विकास के साथ नगर का विकास भी जुड़ा है समय की धूल ने नगर के विकास के इतिहास को भी ढक दिया है इतिहास के पन्नों में जो अवशेष मिलते हैं वे नगर के विकास के युवक को नहीं बताते खंडहर और पांडुलिपि या किसी देश को विकसित सभ्यता और संस्कृति के प्रतीक हो सकते हैं ।इनसे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अमुक देश हजारों वर्ष पूर्व भी संपन्न और विकसित था किंतु इतिहास के अवशेषों और टूटे चिन्हों से यह कैसे निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि गांव बनने का युग और काल कौन सा है और नगर कब और कैसे स्थापित हुए । नगर के विकास के साथ मानव समाज की छमता योग्यता और परिपक्व बुद्धि का इतिहास जहां जुड़ा है वही उत्पादन के विकसित मानदेय साधनों का इतिहास भी समाहित है अनेक समाजशास्त्रीय और इतिहासवेत्ताओ ने नगर की उत्पत्ति का शोध पूर्ण कार्य किए हैं । ये विभिन्न तथ्यों के माध्यम से नगरों की उत्पत्ति के काल को स्थापित करना चाहते हैं ।

नगर की उत्पत्ति के संबंध में विद्वानों के विचार -

इस संबंध में मार्गरेट मूरे का नाम उल्लेखनीय है । आपका विचार है कि नगरों का विकास धातु युग में हुआ है इस तथ्य को प्रमाणित करने के लिए यह तर्क दिया कि धातु से बने अस्त्र-शस्त्र पत्थरों से निहित अस्त्रों से कह शुदृढ़ और अच्छे होते हैं । इसलिए धातु के अस्त्र वाले समूह पत्थर के अस्त्र वाले समूहों पर शासन करते थे अस्त्र शस्त्रों के विकास से सैन्य शक्ति में वृद्धि हुई इस शक्ति से इन्होंने गांव और किसानों पर विजय प्राप्त की । ये विजयी समूह पहाड़ों और ऊंचे स्थानों पर किले बनाकर रहते थे । अपनी सुरक्षा के लिए ये अपने पास सैन्य शक्ति भी रखते थे । ये अनन्तः सैन्य शिविरों में परिणत हो गए । ये सैन्य शिविरों के केंद्र कालांतर में नगरों में परिवर्तित हो गए । भारत के चित्तौड़गढ़ और तारागढ़ इसके उदाहरण हैं ।

2 . - क्वोनी और थामस के विचार मूरे से भिन्न है । आपका यह मत है कि सर्वप्रथम गांव की स्थापना हुई और गांव ही धीरे-धीरे नगरों में परिवर्तित हो गए अंत में यह नगर ही विशाल साम्राज्य की राजधानियां बनी । उन्हीं के शब्दों में " निसंदेह वे पहले नवपाषाण कालिक गांव के रूप में प्रारंभ हुए जो 1 या भिन्न प्रकार से दीवार दार नगरों में विकसित हुए जिनमें से कुछ विशाल शाम राज्यों की राजधानियां बनी ।

3 . - एच जी क्रील ने
लिखा प्रारंभ में में नगरों के विकास में प्रशासनिक योद्धाओं ने अपने निवास स्थान अलग बनाएं जो धीरे-धीरे नगरों के रूप में विकसित हो गए । यह भी कहा जा सकता है कि योद्धाओं के समूह किसानों के समूहों से ही बने होंगे। इसलिए इनके पास भी धातु के अस्त्र-शस्त्र होंगे । यह भी हो सकता है कि यह योद्धा बाहर के हो और विजय के पश्चात वे भिन्न-भिन्न स्थानों पर जाकर बस गए हो । जहां वे बसे हो वे स्थान कालांतर में नगर बन गए हो ।

4. - एण्डरसन ने विकास
में परिवर्तन के तथ्य को एक महत्वपूर्ण कारक माना है नए अविष्कार और परिवर्तन नगर को स्थापित करने में सहायक रहे हैं । वे स्थान जो विकसित हो जाते थे वे अविकसित स्थानों पर अधिकार जमा लेते थे । जैसे नगरों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों पर आधिपत्य स्थापित करने की प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धा से नगरों को स्थापित होने में सहायता मिली है ।

5. - ममफोर्ड के अनुसार नगरों की उत्पत्ति गांव से हुई है बड़े-बड़े विशाल गांव ही कालांतर में नगरों में परिवर्तित हो गए हैं । उसने लिखा है नगर वास्तव में गांव में दृश्य रूप में उपस्थित था, किंतु गांव एक अप्रजनक्य अंडे की तरह था न कि विकसित गर्भस्थ तत्व की भांति, क्योंकि उसे भावी विभिन्नता पूर्ण और जटिल सांस्कृतिक विकास की प्रक्रिया के लिए परिपूरक पुरुष संरक्षक के सूत्रों की परिपूर्णता की आवश्यकता थी ।

6 . टर्नर का विचार है कि ग्रीक और मिस्र की सभ्यता सबसे प्राचीन है । नगरों का विकास सर्वप्रथम यही हुआ है । आप यह मानकर चलते हैं कि नगर की उत्पत्ति और विकास युद्ध के परिणाम स्वरुप ही हुए हैं । योद्धा ही नगर के संस्थापक थे । इन्होंने संगठित होकर किलो का निर्माण किया और गांव पर आधिपत्य जमाया ।

7 . - चार्ल्स कूले
ने नगर के उत्पत्ति को परिवहन के साधनों से जोड़ा है । उसका विचार है कि नगरों की उत्पत्ति यातायात और संदेश वाहन के साधनों के जन्म और विकास के साथ ही हुई है । जो स्थान यातायात और संदेश वाहन की सुविधाओं से परिपूर्ण थे वही नगरों की स्थापनाऐं हुई । उदाहरण के लिए समुद्र के किनारे नगरों का विकास है जो आज भी देखे जा सकते हैं मुंबई और कोलकाता दो महानगर इसके उदाहरण हैं ।

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