लोक प्रशासन अर्थ एवं क्षेत्र
वर्तमान में राज्य के स्वरूप एवं दायित्व में आए परिवर्तनों ने लोक प्रशासन की अवधारणा को अपरिहार्य सिद्ध कर दिया है। 19वीं शताब्दी तक राज्य का स्वरूप एक पुलिस राज्य से अधिक कुछ भी नहीं था। कानून एवं व्यवस्था की स्थापना हेतु इसमें राज्य का कार्यक्षेत्र निषेधात्मक था किंतु शनैः शनैः कतिपय कारणों तथा औद्योगिक क्रांति वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति जनसंख्या वृद्धि तथा आधुनिकीकरण आदि से राज्य के स्वरूप व कार्य क्षेत्र में निरंतर परिवर्तन आता गया जिसके परिणाम स्वरुप पुलिस राज्य की अवधारणा का स्थान एक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा ने ले लिया। पहले राज द्वारा केवल वही कार्य किए जाते थे जो कि राज्य के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए आवश्यक है किंतु अब राज्य व्यक्ति एवं उसके कल्याण से संबंधित समस्त कार्यकर्ता है व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक राज्य की यह सकारात्मक भूमिका अपने दायित्वों की पूर्ति हेतु जवाब दे है राज्य के इन उत्तरदायितों एवं कर्तव्यों की पूर्ति का उत्तरदायित्व पूर्णतया लोक प्रशासन पर होता है यही कारण है कि वर्तमान में लोक प्रशासन की अवधारणा अधिकाधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है
आधुनिक संदर्भ में लोक प्रशासन की इस अहम एवं अपरिहार्य भूमिका के कारण ही राज्य को प्रशासकीय राज्य भी कहा जाने लगा है । लोक प्रशासन न केवल राज्य के कार्यों का संचालन एवं नीतियों का क्रियान्वयन करता है वरन परिवर्तनशील सरकारों वाले राज्य के ढांचे को स्थिरता प्रदान करने का उत्तरदायित्व भी वाहन करता है वस्तुतः लोक प्रशासन का कार्यक्षेत्र जन जीवन के सभी क्षेत्रों तक विस्तृत होता गया है
हरमन फाइनर का यह कहना उचित ही प्रतीत होता है कि कुशल प्रशासन सरकार का एकमात्र वह आधार है जिसकी अनुपस्थिति में राज्य क्षत-विक्षत हो जाएगा ।
प्रशासन का अर्थ
"लोक प्रशासन " दो शब्दों " लोक " एवं " प्रशासन " से निर्मित है . जिसमें लोक विशेषण का कार्य करता है तथा प्रशासन संज्ञा है लोक प्रशासन के अर्थ को समझने से पूर्व इन दोनों शब्दों का पृथक पृथक अर्थ समझ लेना आवश्यक है सर्वप्रथम संज्ञा के रूप में प्रयुक्त प्रशासन शब्द का अर्थ समझ लेना अधिक उपयुक्त होगा प्रशासन शब्द मूल रूप से संस्कृत भाषा का शब्द है जो कि प्र उपसर्ग + शास धातु से निर्मित है तथा इसका तात्पर्य उत्कृष्ट रीति से शासन संचालित करना है। प्रशासन के लिए अंग्रेजी में एडमिनिस्ट्रेशन शब्द का प्रयोग किया जाता है एडमिनिस्ट्रेशन शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के दो शब्द एड तथा मिनिस्ट्रेट से हुई है जिसका अर्थ सेवा संबंधी कार्यों के करने से है। वस्तुतः प्रशासन में शासन व सेवा दोनों का ही भाव निहित है।
सामान्यतया प्रशासन को विभिन्न संदर्भों के आधार पर निम्नलिखित चार अर्थों में प्रयुक्त किया जाता है।
1. मंत्रिमंडल शब्द की पर्यायवाची के रूप में अर्थात नेहरू प्रशासन , इंदिरा प्रशासन , बुश प्रशासन आदि।
2.सामाजिक विज्ञान की एक शाखा के रूप में।
3. सार्वजनिक नीतियों की क्रिया विधि हेतु उपयुक्त की जाने वाली क्रियाओं के योग के रूप में।
4. प्रबंध की कला के रूप में।
इन चारों अर्थों में साम्यता स्थापित ना हो पाने के कारण प्रशासन की एक सर्वमान्य परिभाषा दे पाना एक कठिन कार्य रहा है। यही कारण है कि विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रशासन की भिन्न-भिन्न परिभाषाएं प्रस्तुत की जाती रही है
लूथर गुलिक के अनुसार - प्रशासन का संबंध उद्देश्य की प्राप्ति हेतु कार्यों को संपादित कराने से है।
नीग्रो के अनुसार प्रशासन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मनुष्य तथा सामग्री का संगठन एवं प्रयोग है।
हार्वे वॉकर के अनुसार सरकार कानून को लागू करने के लिए जो कार्य करती है। वह प्रशासन कहलाता है।
डॉ ह्वाइट के अनुसार - प्रशासन किसी निश्चित लक्ष्य उद्देश्य की प्राप्ति हेतु अनेक व्यक्तियों के निर्देशन नियंत्रण तथा समन्विकरण की कला है .
एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के अनुसार - प्रशासन का अर्थ किसी भी कार्य को करने अथवा कार्यों का प्रबंध करने से लिया जाता है कानून में यह शब्द विशेषकर किसी मृत व्यक्ति की संपत्ति के संबंध में आता है अधिकतर इसका अर्थ सरकार और विशेषकर कार्यपालिका एवं उससे संबंधित शासन से होता है .
प्रो. विलोबी के अनुसार प्रशासन के अर्थ को व्यापक रूप से समझाते हुए लिखा है कि राजनीति शास्त्र में प्रशासन शब्द को दो अर्थों में प्रयुक्त किया जाता है अपने विस्तृत रूप में यह किसी सरकार के विशेष विभाग से संबंधित हुए बिना सरकार के वास्तविक कार्य का बोध कराता है यह कथन उपयुक्त होगा कि सरकार के कार्यकारिणी विभाग के प्रशासन न्याय व न्यायिक कार्यों के प्रशासन अथवा कार्यकारणी सत्य के प्रशासन का यहां तक कि सरकार के प्रशासकीय कार्यों के विभागों का अथवा साधारणतया सरकार के सभी कार्यों का अध्ययन करता है अपने संकुचित अर्थों में यह केवल सरकार के प्रशासकीय विभाग से ही संबंधित रहता है।
मार्शल डिमॉक के शब्दों , में प्रशासन का संबंध सरकार के क्या और कैसे से है क्या का अर्थ विषय वस्तु से है अर्थात ए क्षेत्र का तकनीकी ज्ञान जो कि प्रशासकों को उनका कार्य करने की सामर्थ्य प्रदान करता है कैसे प्रबंध की तकनीकी है अर्थात वह सिद्धांत जिनके अनुसार सरकारी योजनाएं सफल बनाई जाती है दोनों ही अपरिहार्य हैं और दोनों मिलकर प्रशासन की स्थापना करते हैं।
उपर्युक्त परिभाषा ओं के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि प्रशासन किसी विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति हेतु संगठित होकर सहयोग की भावना से किया जाने वाला कार्य है। प्रशासन करने वाले व्यक्ति के पास प्राधिकार का होना भी आवश्यक है प्रशासन का प्रयोग विशाल एवं औपचारिक संगठनों के लिए ही किया जाता है।
प्रशासन संबंधी दृष्टिकोण एकीकृत एवं प्रबंधकीय -
प्रशासन के अंतर्गत किन क्रियाओं को सम्मिलित किया जाए इस संबंध में विद्वानों में पर्याप्त मतभेद है। सर्वप्रमुख विवाद यह है कि प्रशासन के अंतर्गत केवल प्रबंध संबंधी क्रियाओं को ही महत्व दिया जाना चाहिए अथवा विभिन्न स्तरों पर कर्मचारियों द्वारा संपादित किए जाने वाले कार्य भी समाविष्ट किए जाएं इस संबंध में मुख्यतः दो दृष्टिकोण प्रचलित है।
1. समग्र अथवा एकीकृत दृष्टिकोण - इस दृष्टिकोण के अनुसार प्रशासनिक क्रियाओं में न केवल प्रबंधकीय और तकनीकी वरन शारीरिक एवं लिपिकीय कार्य भी सम्मिलित किए जाते हैं। उदाहरणार्थ चौकीदार फोरमैन संदेशवाहक आदि से लेकर प्रबंधकों तथा सभी प्रशासनिक क्रियाकलापों को संपादित करने का दायित्व निभाते हैं इसका तात्पर्य यह है कि किसी भी उधम में कार्यरत उच्च अधिकारियों से लेकर निम्न अधिकारियों तक के कार्यों को प्रशासन का ही भाग माना जाता है। प्रो. ह्वाइट टीड एवं ओलिवर सेल्डन मार्शल डिमॉक ने इस दृष्टिकोण का समर्थन किया है
2. प्रबंधकीय दृष्टिकोण - इस दृष्टिकोण के प्रमुख समर्थक स्मिथबर्ग साइमन एवं थॉमसन है इनके अनुसार केवल प्रबंधकीय क्रियाओं को ही प्रशासन का भाग माना जाता है एक निश्चित एवं विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति हेतु नियोजन संगठन नियंत्रण एवं कर्मचारियों के मध्य समन्वय आदि क्रियाकलाप इसके अंतर्गत आते हैं तथा इन कार्यों को संपादित करने वाले प्रबंधक या प्रशासक कहलाते हैं।
लोक प्रशासन का अर्थ एवं परिभाषाएं -
लोक प्रशासन के अर्थ को समझने के लिए प्रशासन के साथ-साथ " लोक " शब्द का अर्थ समझना भी उपयुक्त होगा। लोक शब्द का प्रयोग सामान्यतया तीन अर्थों में किया जाता है। A. ऐसे कार्य जो व्यक्तिगत ना होकर सार्वजनिक हो। B. ऐसे कार्य जो एक बड़े वर्ग को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हो। C. ऐसे कार्य जो कुछ ही व्यक्तियों को प्रभावित करते हो किंतु समाज इस प्रभाव की उपेक्षा ना कर सके। इस प्रकार लोक शब्द में उन कार्यों को समाविष्ट किया जाता है जिन का महत्व सार्वजनिक दृष्टि से है दूसरे शब्दों में लोक से तात्पर्य समस्त जनता से संबंधित सरकारी प्रशासन से है राज्य ही एकमात्र ऐसा संगठन है जिसके अंतर्गत निवास करने वाली समस्त जनता आ जाती है इस आधार पर लोक शब्द इस विषय के क्षेत्र को सरकार के प्रशासनिक क्रियाकलापों तक सीमित कर देता है इस प्रकार लोक प्रशासन को सरकारी प्रशासन कहना अनुचित नहीं होगा।
लोक प्रशासन की परिभाषाएं - लोक प्रशासन को विभिन्न विद्वानों ने भिन्न-भिन्न रूपों में परिभाषित किया है। कतिपय प्रमुख परिभाषाएं निम्नलिखित हैं -
वुडरो विल्सन के अनुसार - लोक प्रशासन विधि को विस्तृत एवं क्रमबद्ध रूप से कार्यान्वित करने का नाम है। विधि को कार्यान्वित करने की प्रतिक्रिया एक प्रशासकीय क्रिया है।
पिफनर लिखते हैं लोक प्रशासन का संबंध उस सार्वजनिक नीति के निर्धारित करने और पूर्ण करने से है जिसे अंतिम रूप राजनीतिक अंगों के प्रतिनिधि प्रदान करते हैं।
एल डी ह्वाइट के अनुसार लोक प्रशासन के अंतर्गत वह समस्त कार्य आ जाते हैं जिनका उद्देश्य सार्वजनिक नीतियों को पूरा अथवा लागू करना होता है।
ई एन ग्लैडन के अनुसार लोक प्रशासन में लोक कर्मचारियों के वह समस्त कार्य सम्मिलित हैं जिनका संबंध प्रशासन से है चाहे वह व्यक्ति प्रशासन हो अथवा क्लर्क।
लूथर गुलिक लोक प्रशासन को सरकार के केवल एक ही अंग कार्यपालिका से संबंधित मानते हुए लिखते हैं लोग प्रशासन , प्रशासन विज्ञान की वह शाखा है इसका संबंध शासन से है। इस प्रकार इसका संबंध मूलतः कार्यपालिका से हो जाता है इसके साथ ही व्यवस्थापिका और न्यायपालिका से संबंधित कुछ ऐसी समस्याएं होती हैं जो लोक प्रशासन के क्षेत्र में आती है।
साइमन का मत है जनसाधारण की भाषा में लोक प्रशासन से अभिप्राय उन क्रियाओं से है जो केंद्र राज्य तथा स्थानीय सरकारों की कार्यपालिका शाखाओं द्वारा संपादित की जाती है।
लोक प्रशासन की उपर्युक्त परिभाषा ओं का विश्लेषण करने से निम्नलिखित तथ्य उभरकर सामने आते हैं
1. लोक प्रशासन सार्वजनिक समस्याओं से संबंधित होता है।
2. विशिष्ट उद्देश्य के रूप में सामुदायिक आवश्यकता की पूर्ति करता है।
3. संगठन का होना भी नितांत आवश्यक है।
4. स्थाई तो एवं व्यवस्था को बनाए रखने में सहायक होता है।
5. लोकमत व लोक नीतियों के निर्माण में सहायक होता है।
लोक प्रशासन के संबंध में यह प्रश्न विवादित है कि इसका संबंध सरकार के तीनों अंगों से है अथवा कार्यपालिका मात्र से है।
1. लोक प्रशासन शासन के तीनों अंगों से संबंधित
इस विचार के समर्थकों की मान्यतानुसार शासन के समस्त कार्य लोक प्रशासन की ही परिधि में आते हैं उदाहरण व्यवस्थापिका के माध्यम से कानूनों का निर्माण तदुपरांत उन कानूनों की क्रियान्वित तथा कानूनों का उल्लंघन होने पर न्यायपालिका के माध्यम से दंड की व्यवस्था इस प्रकार सरकार के तीनों अंगों के कार्य लोक प्रशासन में आते हैं।
लोक प्रशासन केवल कार्यपालिका शाखा से संबंधित
सिद्धान्तः यह मत उचित प्रतीत होता है कि लोक प्रशासन के अंतर्गत सरकार के तीनों अंगों का अध्ययन किया जाना चाहिए किंतु व्यवहार में लोक प्रशासन का संबंध मुख्यतः संगठन कर्मचारी वर्ग के कार्यों तथा उन कार्यों की पूर्ति के संबंध में कार्यपालिका शाखा से होता है।
निष्कर्षतः यही कहना उपयुक्त होगा कि यद्यपि व्यवहारिक रूप से लोग प्रशासन कार्यपालिका शाखा से ही संबद्ध है किंतु लोक नीतियों के निर्माण में भी उसकी भूमिका को पूर्णतया नकारा नहीं जा सकता है
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